
अराइजिंग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट नेटवर्क के इस प्रोजेक्ट मिशन मोजो (मोबाइल जर्नलिस्ट) ट्रेनिंग प्रोग्राम के तीसरे सेशन में आपका स्वागत है.
पहले सेशन में हमने देश भर के करीब साढ़े चार सौ लोगों को डिजीटल मीडिया और मोबाइल जर्नलिज्म की ट्रेनिंग दी थी. पहले दो सेशन में हम देश भर के करीब साढ़े चार सौ लोगों को डिजीटल मीडिया और मोबाइल जर्नलिज्म की ट्रेनिंग दे चुके हैं. इस बार इसमें राइटिंग, साइबर सिक्योरिटी, इंटरनेट का इस्तेमाल कर अपनी आय बढ़ाना जैसे कई नए चैप्टर जोड़े गए हैं, जो आपको नए दौर के मीडिया की जरूरतों के हिसाब से तैयार करेंगे, ताकि इस कोर्स को करने वालों को इसका और अधिक लाभ मिल सके.
आइए बात करते हैं, ट्रेनिंग से जुड़े कुछ ऐसे सवालों के बारे में, जो आपके दिमाग में आ रहे होंगे.

इस ट्रेनिंग का पर्पज क्या है?
इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मकसद देश भर में मोबाइल जर्नलिस्टों का एक ऐसा नेटवर्क बनाना है, जो न सिर्फ पत्रकार बनकर नाम, शोहरत और इज्जत कमाना चाहते हैं, बल्कि मीडिया के जरिए अपने देश, समाज और क्षेत्र की बेहतरी के लिए भी काम करना चाहते हैं. इसके अंतर्गत आपको हर रोज एक लेसन और एक असाइनमेंट दिया जाएगा. आपको लेसन पढ़कर उसे समझना है और उसके बाद बताए गए काम को करकर हमें व्हाट्स एप्प द्वारा भेजना है.
ट्रेनिंग की फीस, जगह और समय
करीब छह सप्ताह की इस ट्रेनिंग के लिए फिलहाल दो माॅडल उपलब्ध हैं. पहला है आॅफलाइन, जो उन लोगों के लिए है, जो रेगुलर क्लासेज में आकर यह कोर्स कर सकते हैं. प्रमोशन पीरियड में इसकी फीस 4,400 रुपए (रेगुलर फीस 5,500 रुपए) रखी गई है. वहीं आॅनलाइन माॅडल को उन लोगों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो पत्रकार बनने की इच्छा रखते हैं, लेकिन अपनी व्यस्तता या दूसरी मजबूरियों के चलते, रेगुलर क्लासेज अटेंड नहीं कर सकते. इस माॅडल में कोर्स करने के लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है. यह एक आॅनलाइन ट्रेनिंग है, जिसे आप अपनी सहूलियत के हिसाब से दिन में कभी भी, कहीं से भी कर सकते हैं. इसके लिए फीस के तौर पर आपको सिर्फ 2,200 रुपए (रेगुलर फीस 2,750 रुपए) का भुगतान करना होगा.
(कृपया ध्यान दें कि फीस में 20 % की यह छूट सिर्फ 31 मार्च तक प्रवेश लेने वाले प्रशिक्षुओं के लिए ही उपलब्ध होगी. )
ट्रेनिंग में क्या सिखाया जाएगा ?
इस ट्रेनिंग में हम आपको बताएंगे कि खबर कैसी होती है, खबर कैसे मिलती है, खबर के अच्छे-बुरे सोर्स कौन-कौन से हैं, एक पत्रकार के तौर पर आप लोगों से अच्छे रिलेशन कैसे बना सकते हैं, अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर आप किस तरह नाम, पैसा और प्रसिद्धि हासिल कर सकते हैं, हमारे चैनल पार्टनर बनकर आप कैसे पैसा कमा सकते हैं, कौन-कौन लोग आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं, मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए आपको कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहि, आदि-आदि…
व्हाट्स एप्प के जरिए कैसे ट्रेनिंग दी जाएगी ?
जिस तरह एक काॅरेसपाॅन्डेंस कोर्स किया जाता है, इसी तरह यह कोर्स भी किया जा सकता है. बस फर्क यही है इंटरनेट की मदद से व्हाट्स एप्प के जरिए इस काम को बहुत आसानी से और बहुत कम वक्त में किया जा सकता है. साथ ही इसमें आपको अलग से किसी तरह का कोई खर्च भी नहीं करना होगा. व्हाट्स एप्प के जरिए ट्रेनिंग देने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि है आप हमसे सीधे जुड़े रह सकते हैं और अपनी शंकाओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं.
इस ट्रेनिंग करने से हमें क्या फायदा होगा ?
जहाँ तक ट्रेनिंग के फायदों का सवाल है, तो यह आपको एक एक्स्ट्रा स्किल सिखाने वाली ट्रेनिंग है. जिस प्रकार आप अपनी रेगुलर पढ़ाई या काम के साथ अलग से कुछ और, जैसे कि टाइपिंग, कम्प्यूटर, फोटोग्राफी वगैरह सीखते हैं उसी तरह से यह ट्रेनिंग आपको जर्नलिज्म के बेसिक्स सिखाने के हिसाब से डिजाइन की गई है. इसे करने के बाद आप एक जिम्मेदार सिटीजन जर्नलिस्ट की मदद से हमारे न्यूज पोर्टल्स के लिए अपने इलाके की खबरें, फोटोग्राफ और वीडियो भेज सकते हैं, पसंद आने पर इन्हें हम आपके नाम के साथ पब्लिश करेंगे. इससे आपको एक सिटीजन जर्नलिस्ट के रूप में प्रसिद्धि और सम्मान मिलेगा.
क्या यह ट्रेनिंग करने से जाॅब मिलेगी ?
जिस तरह से ज्यादातर न्यूजपेपर, टीवी चैनल और न्यूज वेबसाइट्स मोबाइल जर्नलिज्म की ओर बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से निकट भविष्य में इस क्षेत्र में जाॅब के अवसर पैदा हो सकते हैं. फिलहाल हम इस ट्रेनिंग के जरिए आपको हमारे साथ काम करने और सम्मानजनक ढंग से पैसा कमाने के मौके उपलब्ध करा सकेंगे.
मिशन मोजो-III में नया क्या है?
पिछले दोनों सत्र में हमारा फोकस सिर्फ मोबाइल जर्नलिज्म पर था. इस बार हमने इसके विषय क्षेत्र का और विस्तार करते हुए इसमें डिजीटल लिटरेसी, साइबर सुरक्षा, स्मार्ट सर्फिंग, डाटा पॉवर, सोशल मीडिया का प्रभावशाली उपयोग, फेक न्यूज की समस्या जैसे कई नए विषय जोड़े हैं, ताकि यह कोर्स करने के बाद आप नए दौर के मीडिया की चुनौतियों के बारे में और उनसे निपटने के उपायों के बारे में जान सकें.
इसके अलावा हम तीसरे संस्करण में खास तौर पर रूरल जर्नलिज्म पर एक विशेषीकृत पाठ्यक्रम भी आरंभ कर रहे हैं, जो ऐसे व्यक्तियों के लिए होगा, जो अपने गाँव में रहकर लोगों व समाज का भला करना चाहते हैं.
ट्रेनिंग के बाद क्या ?
यदि आप इस ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं और हमारे लिए उपयोगी पाए जाते हैं तो आप ट्रेनिंग के बाद हमारे साथ काम कर सकेंगे और अपने इलाके में हमारे विभिन्न प्राॅडक्ट्स और सर्विसेज का प्रसार/प्रचार/बिक्री कर आर्थिक लाभ भी कमा सकेंगे. आप जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे, आपको उतना ही ज्यादा फायदा होगा. इस बारे में ट्रेनिंग के दौरान आपको पूरी जानकारी दी जाएगी. ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले सभी व्यक्तियों को हम एक डिजीटल सर्टिफिकेट भेजेंगे.
मिशन मोजो-III में शाामिल होने के लिए ई—मेल करें: arisingmedia@aol.com
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