जि़ंदगी में आगे क्या होने वाला है? यह ऐसी जिज्ञासा है, जिससे शायद ही कोई अछूता हो. हर इंसान चाहता है कि वह आने वाले कल को जाने, खुद को इसके हिसाब से तैयार करे. 11.11.11 को जिस समय ज़िंदगी नेक्स्ट एक कॉन्सेप्ट से मूर्त रूप लेकर अस्तित्व में आई तो इसके पीछे यही सोच थी कि हर जगह जो हुआ या जो हो रहा है, उसी की बात चलती है तो क्यों न कुछ ऐसा किया जाए, जहाँ सिर्फ ‘जो होने वाला है, जो हो सकता है या जो होना चाहिए’ की ही बात हो. जि़ंदगी नेक्स्ट अपने लाॅन्च से अभी तक हमेशा इसी पॉलिसी को फॉलो करती रही है.
इन्फोटेनमेंट वेबसाइट के रूप में खबर नेक्स्ट, जिंदगी नेक्स्ट का ही एक नया अवतार है. इसमें भी भविष्योन्मुखी खबरों व फीचर्स को ही प्राथमिकता दी जाती रहेगी. हालांकि भविष्य का पीछा करने के इस सफर में काफी जोखिम रहता है. कई बार चीजें घोषित होती हैं, लेकिन हो नहीं पातीं तो कई बार बिना किस पूर्व सूचना या घोषणा के चुपचाप हो जाती हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि घोषित होने और सचमुच होने के बीच इतना अंतराल नहीं होता कि उसे खबर नेक्स्ट पर लिया जा सके. और कई बार यूं भी होता है कि इतनी ज्यादा खबरें हो जाती हैं, जिन्हें एक वक़्त में ले पाना मुमकिन नही होता.
पर ये सब मामूली चीजें हैं…इनमें कुछ भी ऐसा नहीं, जिसे थोड़े से प्रयासों से दूर न किया जा सके. और अगर थोड़ा बहुत जोखिम रहता भी है तो वह उस मजे के सामने कुछ नहीं है, जो हर रोज खबरों के समंदर में डुबकी लगाने और मुट्ठियों में कुछ कंकड़ और कुछ मोती लेकर किनारे पर वापस आने के बीच हासिल होता है.
खबर नेक्स्ट का भी यही मकसद है…यानी आप सब तक ऐसी चीजों को पहुँचाना, जो हमारी मौजूदा या आने वाली ज़िंदगी पर असर डाल रही हैं और किसी न किसी रूप में हमारी ज़िंदगी को बेहतर बनाने में मददगार हो सकती हैं.